क्या होता है ऑटोइम्यून रोग, जानें इसके 8 संकेतों के बारे में….
प्रतिरक्षा प्रणाली (Immunity) शरीर में हर प्रकार के विषाक्त पदार्थों (Toxins), वायरस (Virus) या अन्य किसी बाहरी पदार्थ की खोज करती रहती है. अगर रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी बीमारियों से लड़ने की ताकत न हो तो शरीर में विभिन्न प्रकार के विषाक्त पदार्थ या बैक्टीरिया प्रवेश कर सकते हैं.

मल्टीपल स्केलेरोसिस, टाइप 1 डायबिटीज, रुमेटाइड आर्थराइटिस जैसी बीमारियों के बारे में एक चीज समान है और वह ये कि ये ऑटोइम्यून (Autoimmune) रोग हैं. यह एक गंभीर स्थिति है और यहां तक कि कुछ मामलों में जीवन के लिए हानिकारक भी हो सकती है. myUpchar के डॉ. अनुराग शुक्ला का कहना है कि हर व्यक्ति के शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली (Immunity) होती है. इसे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कहते हैं. इसका मुख्य कार्य है शरीर को संक्रमण व रोगों से बचाना.
प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर में हर प्रकार के विषाक्त पदार्थों, वायरस या अन्य किसी बाहरी पदार्थ की खोज करती रहती है. अगर रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी बीमारियों से लड़ने की ताकत न हो तो शरीर में विभिन्न प्रकार के विषाक्त पदार्थ या बैक्टीरिया प्रवेश कर सकते हैं. वहीं कुछ ऐसी स्थितियां होती हैं, जिनकी वजह से प्रतिरक्षा प्रणाली ठीक से कार्य नहीं कर पाती है और यही स्थिति ऑटोइम्यून डिसीज कहलाती है. यह कोशिका को नुकसान का कारण बनती है, जिसके कई लक्षण नजर आ सकते हैं. यहां ऐसे 8 लक्षणों के बारे में बताया जा रहा है, जिन्हें पहचानकर डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है.
दर्द : ऑटोइम्यून रोग सूजन का कारण बनते हैं. इसका मतलब यह है कि ऑटोइम्यून बीमारी वाला व्यक्ति शरीर के विभिन्न हिस्सों, रक्त वाहिकाओं, त्वचा में दर्द महसूस कर सकता है. जरूरी नहीं कि हर सूजन ऑटोइम्यून बीमारी का ही संकेत हो. अगर इस लक्षण को लेकर परेशान हैं तो अपने डॉक्टर से जरूर बात करें.
जोड़ों में विकृति : रुमेटाइड आर्थराइटिस गठिया का एक रूप है, जिसे एक ऑटोइम्यून बीमारी माना जाता है. यह रोग प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा जोड़ों के आसपास की झिल्ली पर हमला करने का कारण बनता है. my Upchar से जुड़े एम्स के डॉ. केएम नाधिर के अनुसार, रुमेटाइड आर्थराइटिस जोड़ों की परतों को नुकसान पहुंचाता है, जिस कारण से दर्द और सूजन होने लगती है और अंत में हड्डियां घिसना या जोड़ो में विकृति की समस्याएं खड़ी हो जाती हैं. जोड़ों में किसी भी तरह की विकृति नजर आए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
खुजली : खुजली आम है, लेकिन खुजली गंभीर चकत्ते के साथ होती है, खासकर नाक और गालों पर तो गंभीर स्थिति का संकेत हो सकता है. यदि इस लक्षण का अनुभव कर रहे हैं तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें.
सांस लेने मे तकलीफ : ऑटोइम्यून रोग जो फेफड़ों पर हमला करते हैं, उसमें प्रतिरक्षा प्रणाली फेफड़ों के उतकों को नुकसान पहुंचाती है. इससे श्वास संबंधी समस्याएं या पल्मोनरी सिंड्रोम हो सकता है, गुर्दे की रक्त वाहिकाओं को घावों के साथ फेफड़ों में रक्तस्राव हो सकता है. श्वास संबंधी मुद्दों को हमेशा गंभीरता से लिया जाना चाहिए.
थकान : ऑटोइम्यून बीमारियां एक या अधिक अंगों में सूजन का कारण बनती हैं, जिससे अक्सर थकान होती है. यह लक्षण बहुत आम है और कई अन्य स्थितियों के कारण भी हो सकता है।.जब संदेह हो, तो अपने डॉक्टर को जरूर दिखाएं.
सीने में दर्द : कई बीमारियों में एक आम लक्षण दर्द होता है, जिसमें छाती में दर्द शामिल हो सकता है. सारकॉइडोसिस ऑटोइम्यून बीमारियों में से एक है जो इस लक्षण का कारण बन सकती है. सीने में दर्द कभी भी हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए. इस लक्षण का अनुभव होने पर डॉक्टर की मदद लें.
संतुलन गड़बड़ाना : कुछ ऑटोइम्यून बीमारियों से तंत्रिका संबंधी क्षति होती है, जिसकी वजह से चक्कर आ सकते हैं. इससे ग्रस्त व्यक्तियों के लिए चलते समय अपना संतुलन बनाए रखना मुश्किल होता है.
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