केवल एक रात के लिए ही शादी करते हैं किन्नर, जानिए इसके पीछे का रहस्य

केवल एक रात के लिए ही शादी करते हैं किन्नर, जानिए इसके पीछे का रहस्य

 

 

किन्नर शादी के पीछे दुर्गंध, मिथक और उनके समाज में अलग स्थान पर रहने के कारणों के अलावा भी कुछ और कारण हो सकते हैं। जैसे कि किन्नरों के साथ शादी करने से अधिकतर लोग उन्हें बुरा मानते हैं और उन्हें समाज से अलग कर देते हैं। इससे किन्नर लोगों को जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

दूसरी ओर, कुछ लोग विश्वास करते हैं कि किन्नरों से शादी करने से उनके दुःख दूर हो सकते हैं। उन्हें लगता है कि ऐसा करने से किन्नर लोगों की जिंदगी में खुशियां आएगी और उनके संकट दूर होंगे।

इसके अलावा, कुछ लोग धर्म से जुड़े कारणों से किन्नरों से शादी करते हैं। उन्हें लगता है कि ऐसा करने से उनके धर्म की रक्षा होती है और उनके पाप कम होते हैं।

अगर हम अन्य देशों की बात करें तो कुछ देशों में किन्नरों के साथ शादी को कानूनी तौर पर मान्यता दी गई है। यह उन लोगों के लिए होता है जो अपनी सेक्सुअल ओरिएंटेशन के कारण समाज में अलग किए जाते हैं। उन्हें इस तरह की शादी करने से उनकी समाज में स्थिति सुधरती है और उन्हें अधिकारों की दृष्टि से भी समानता प्राप्त होती है।

कुछ समाजों में किन्नरों को दुर्गंधा माना जाता है और उन्हें शादी के लिए उपलब्ध नहीं समझा जाता। लेकिन कुछ विशेष अवसरों पर जैसे कि किसी समाजिक उत्सव या उन्हें अपने बच्चों की सुखी जिंदगी के लिए उन्हें शादी करना भी देखा जाता है।

समाज की नैतिकता और मानसिकता आज भी उन्हें समाज से दूर रखती है। इसलिए उन्हें समाज से स्वीकृति नहीं मिलती है। इस वजह से कुछ किन्नर लोग भी शादी करने से कट्टरता भी जाहिर करते हैं जो कि समाज में उनके सम्मान और स्थान को अधिक कमजोर करता है।

कुछ स्थानों पर शादी के लिए रिश्तेदारों और दोनों पक्षों की इच्छा के बिना भी शादी करवाई जाती है।

किन्नर जिनके बारे में हम बहुत हिकम जानते है किन्नर समाज की ऐसी कई चीजे है जिनके बारे में हम नहीं जानते है अक्सर किन्नरों को शादी विवाह किसी बच्चे के जन्मदिन के अवसर पर देखा जाता है इसके साथ ही हमारे धर्म ग्रंथों में किन्नरों को काफी सम्मान दिया जाता है पर इन सब के बाद भी हम इनके बारे में बहुत ही कम जानते है जैसे की क्या आप जानते है की ये भी किन्नर भी शादी करते

किन्नर शादी का रहस्य एक दुर्गंधित और मिथक से भरा हुआ अंग है। इस मामले में, कुछ लोग विश्वास करते हैं कि किन्नरों के साथ शादी करने से वे धन, सुख और समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं, जबकि अन्य लोग इसे केवल एक मिथक मानते हैं।

कुछ लोग किन्नरों को शुभ और अशुभ दोनों का प्रतीक मानते हैं। वे मानते हैं कि किन्नर शुभ होने के साथ-साथ अशुभ भी हो सकते हैं, इसलिए किन्नरों से शादी करने से उनके जीवन में कई दुर्भाग्यों का सामना करना पड़ सकता है।

अगर हम वैज्ञानिक तर्कों से देखें तो, किन्नर शादी का रहस्य यह है कि किन्नर एक ऐसा समूह है जो जनसंख्या के मुख्य स्तंभों से अलग होता है और समाज में उन्हें अलग-अलग स्थानों पर रहना पड़ता है। इसलिए, अक्सर ऐसा माना जाता है कि किन्नर शादी करने से उन्हें समाज में स्थान मिल सकता है और उनके लिए अपनी स्थिति में सुधार हो सकता है।

वैसे बता दे की किन्नरों की शादी आम लोगों से बिल्कुल अलग होती है.आपको बता दें किन्नरों का विवाह केवल एक रात का ही विवाह होता है.और केवल एक रात के लिए ही ये सुहागन से विधवा बन जाती हैं और उनमे अपने भगवान से होता है ये लोग सिर्फ एक रात के लिए ही अपने भगवान से विवाह करते हैं और अगले दिन विधवा बन जाते हैं और फिर विलाप करते हैं।

 

 

किन्नरों में भगवन अर्जुन और नाग कन्या उलूपि की संतान इरावन जिन्हें अरावन के नाम से भी जाना जाता है और मंदिर के पुजारी इनको मंगलसूत्र पहनाते है वैसे अगर आपको किन्नरों का विवाह उत्सव देखनेहै तो आपको उसके लिए तमिलनाडु जाना होगा बता दे की तमिल नववर्ष की पहली पूर्णमासी को किन्नरों के विवाह का उत्सव शुरू होता है जो 18 दिनों तक चलता है और 17 वे दिन यह अपने भगवान इरावन के साथ बिया रचाते हैं।

अगले दिन सारा श्रृंगार उतार कर विधवा की भांति विलाप करते हैं. आपको बता दें किन्नरों के विवाह के बाद जशन मनाया जाता है और इनके भगवान इरावन को पूरे शहर में घुमाया जाता है सब कुछ खत्म होने के बाद भगवान की मूर्ति को तोड़ दिया जाता है और फिर किन्नर एक विधवा की तरह सारा श्रृंगार उतार देते हैं और सभी विधवा की तरह विलाप करते हैं।

 

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